Thursday, 24 July 2025

Nukkad Natak 2025

नुक्कड़ नाटक
विषय : Prevalence of child labour and importance of education
Theme : बच्चें पढ़ेंगे, आगे बढ़ेंगे
All : सुनो-सुनो भई सुनो-सुनो
     सुनो-सुनो भई सुनो-सुनो
झूम-झूम कर घूम घूम कर, सबको यह बतलाएंगे,
हम सब विद्यालय के बच्चें
नई दिशा दिखाएंगे, नई दिशा दिखाएंगे
आओ-आओ मिलकर देखे, आओ-आओ नाटक देखे-2
दूर वाले पास आओ, पास वाले बैठ जाओ
Aditi: अच्छा तो आज यहां नाटक होगा और नाटक का शीर्षक महंगाई होगा
All: नही-नही, नही-नही
Tanishk: तो नाटक का शीर्षक बेरोज़गारी होगा
All: नही-नही, नही-नही
Akshat: तो फिर नाटक का शीर्षक जरूर भ्रष्टाचार होगा
All: बिल्कुल नही बिल्कुल नही
Sambhav: न महंगाई, न बेरोजगारी इस नुक्कड़ नाटक का शीर्षक हैं “बचपन को बचाना हैं, देश को बढ़ाना हैं
All : बिल्कुल सही बिल्कुल सही
Aditi: चलिए आज हम आपको एक नाटक का दृश्य दिखाते है

All: सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
     नई कहानी सुनो सुनो
    सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
     नई कहानी सुनो सुनो
चाय की दुकान
(छोटू तेजी से चाय के गिलास साफ कर रहा है। मालिक चिल्ला रहा है।)
Reyansh: अरे छोटू ! तेजी से काम कर ! ग्राहक इंतजार कर रहे हैं। एक भी चाय का गिलास टूटा तो तेरी खैर नहीं!
Yuvraj : (मुंह बनाते हुए) अरे मालिक, मैं तो सुपरमैन हूँ! एक साथ सारा काम कर सकता हूँ, लेकिन मेरी उंगलियाँ अब जवाब दे रहीं हैं मालिक।
Reyansh : जुबान लड़ाता हैं, चुपचाप अपना काम कर
Reyansh : और रिंकी तू इतनी देर से क्या कर रही है? देख यहाँ भी कूड़ा पड़ा हैं, तू कैसे झाड़ू लगाती हैं। एक काम ढंग से नही होता इन बच्चों से
Yuvraj: अगर ये मोटा सेठ थोड़ा काम खुद भी करले तो इसकी सेहत अच्छी बन जाए।
Bhavya: सही कहा ये हमसे बहुत काम करवाते हैं, हमको पढ़ने भी नही देते, सच कहूं तो मैं पढ़ना चाहती हूँ, आगे बढ़ना चाहती हूँ।
Yuvraj: अरे ये पढ़ना लिखना हमारे नसीब में कहाँ,,,अब तो हाथ की लकीरें भी बर्तन घिस-घिसकर मिट गई हैं।
Reyansh: तुम पढ़ लिख कर क्या करोगे, पैसे कमाओ, माँ बाप की मदद करो। चलो निकलो

Sambhav: बच्चों के संग ये दुर व्यवहार
All: बंद करो ये अत्याचार
Sambhav: बच्चों के संग ये दुर व्यवहार
All: बंद करो ये अत्याचार
Jayant : हमारे देश में शुरू से ही बच्चों को भगवान का रूप माना जाता हैं और भगवान के बाल रूप इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं,
Vaishnavi: लेकिन आज की तस्वीर बिल्कुल अलग हैं, देखो क्या हालत हैं इन नन्हे बच्चों की
Manas: रोटी की खातिर देखो, बच्चा करता मजदूरी हैं, यह कठोर अभिशाप झेलने की कैसी मजदूरी हैं।
Aditi: हम समाज का यह कलंक अभिशाप मिटाना होगा, दबे हुए अरमानो में पँख लगाना होगा।
Sonakshi: कदम से कदम मिलना है, सबको साक्षर बनाना है, सपना साकार कर दिखाना हैं, देश को भी तो आगे बढ़ाना है,
Vaishnavi:, प्यारे दोस्तों, देश में हो रहीं बाल मजदूरी से हम हो रहे बदनाम
अब इन नन्हे बच्चों का बचपन बचाना ही है हमारा काम

Tanishk: कैसी ये मज़बूरी है,
All: बंद करो ये मजदूरी है
Tanishk: कैसी ये मज़बूरी है,
All: बंद करो ये मजदूरी है
All: सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
     नई कहानी सुनो सुनो
    सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
     नई कहानी सुनो सुनो
Taniahk: टेलीग्राम, टेलीग्राम टेलीग्राम माता जी ये लीजिये आपका टेलीग्राम आया हैं
Somya: जाने किसका टेलीग्राम आया हैं, पता नही क्या लिखा होगा, अगर मैं पढ़ी लिखी होती तो इसे पढ़ लेती, अब किससे पढ़वाऊ
Sarthak: अरे काकी बड़ी परेशान दिख रहीं हो, के हुआ, सब ठीक है ना
Somya: अरे भईया जरा ये टेलीग्राम तो पढ़ देना कहीं कोई जरूरी बात तो नहीं लिखी इसमें
Sarthak: नही काकी अभी मन्ने भोत काम है
Somya to Reyansh: बेटा जरा ये पढ़ दो
Reyansh: रे चाची यों मेरे काम ना हैं, अपनी बेटी से पढ़वा लेना
Somya: 7 दिन बाद मेरी बेटी आएगी, अब ये टेलीग्राम मैं अपनी बेटी से ही पढवाउंगी
(7 दिन बाद)
(Manas take round with poster)
Somya: अरे बेटा तू आ गयी, लें जरा ये पढ़कर सुना दे क्या लिखा है इसमें
Kashvi: माँ आपने मुझे पहले क्यों नही बताया, मुझे तत्काल सरकारी नौकरी ज्वाइन करने का टेलीग्राम था, कितना अच्छा अवसर था जो मेरे हाथों से निकल गया, अब क्या होगा मेरा? माँ काश तुम पढ़ी-लिखी होती तो आज मेरे हाथों ये नौकरी मेरे हाथ से ना जाती।
Jayant : इसलिए मै कहता हूँ, 
              गली गली लगाओ नारा,
All: शिक्षा से मिटता अँधियारा
Jayant: गली गली लगाओ नारा,
All: शिक्षा से मिटता अँधियारा
Bhavya: जब शिक्षित हो हर नर नारी,
All: तभी मिटेगी दिक्कत सारी
Jayant: 21वीं सदी की यही पुकार, शिक्षा है सब का अधिकार
All: शिक्षा है सब का अधिकार-2
Sarthak : अरे भईया बच्चों को भेजो स्कूल, और नही तुम करना भूल
All: और नही तुम करना भूल-2
Sonakshi: जो अनपढ़ रह जाता है, जीवन भर पछताता है
All: जीवनभर पछताता है जीवनभर पछताता है
Akriti : पढ़ लिख लिखकर बन होशियार, 
All: समझ बढ़े तो बढ़े विचार
Akriti : पढ़ लिख लिखकर बन होशियार, 
All: समझ बढ़े तो बढ़े विचार
Reyansh : सुनो सुनो भई सुनो सुनो एक नई कहानी सुनो सुनो
All: सुनो सुनो भई सुनो सुनो एक नई कहानी सुनो सुनो
Yuvraj to Aditi: अरे अम्मा वोट किसे दिया है
Aditi: अरे बेटा वहाँ तो बहुत सारे फोटो थे मैंने तो गाय का बटन दबाया (लाठी के साथ)
Yuvraj – गाय पर क्यों
Aditi – अरे बेटा गाय पवित्र मानते है, इसलिए मैंने उसका बटन दबाया
Yuvraj: अरे ये क्या किया अम्मा, हम वोट नेता को देते हैं गाय को नही
Aditi- अरे यो बात तो मैंने सोच्ची नी, अर जो मैं पढ़ी लिखी होती तो आज मुझसे ये गलती ना होती
Tanishk: अम्मा जैसे अनपढ़ लोगों के कारण ही चुनाव में गलत लोगों का चुनाव हो जाता है और देश की तरक्की में बाधा आती है
All: बिन शिक्षा से ही दास हुए,
   शिक्षा से ही राज मिले
   शिक्षा ही इतिहास बदलती
   शिक्षा ही विकास है लाती
Sambhav: शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का कुछ करो जतन
All: पढ़ने का कुछ करो जतन
Jayant : आज हमारे देश में बाल मजदूरी और अशिक्षा बढ़ती जा रही है हमें इस से मिलकर लड़ना होगा
Reyansh :  भारत सरकार के सर्व शिक्षा अभियान को हमें जन जन तक पहुंचना होगा।
Tanishk: अगर पोहोचना आसमान तक
All:अगर पोहोचना आसमान तक
Tanishk: समझ समझकर पढ़ना होगा
All: समझ समझकर पढ़ना होगा
Tanishk: विश्व गुरु अगर बनना हो तो
All :विश्व गुरु अगर बनना हो तो
Tanishk: मिलकर आगे बढ़ना होगा
All : मिलकर आगे बढ़ना होगा-2
All: सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
    हमारी वही कहानी सुनो सुनो
    सुनो-सुनो भई, सुनो-सुनो
    हमारी वही कहानी सुनो सुनो
Aditi to Yuvraj : उठो बच्चे, तुम स्कूल क्यों नही जाते
Yuvraj: मैडम मैं पढ़ना तो चाहता हूँ लेकिन काम से छुट्टी नही मिलती
Aditi: बेटा शिक्षा से ही आज है, शिक्षा से ही विकास है,
      यूँ तोड़ो न तुम अपनी उम्मीदों को
      तुम सबमे बहुत कुछ खास है
All: तुम सब में बहुत कुछ खास है।
Kaasvi: बेटा, परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है-2
ज़मीन पर बैठा तू क्यों आसमान देखता है
All: उठो बेटा उठो, तुम्हें समाज से लड़ना होगा तुम्हें ही आगे बढ़ना होगा तुम्हें ही आगे बढ़ना होगा
Reyansh: अरे छोटू बर्तन क्यों नही किए तुमने? (आश्चर्य से)
Yuvraj : अब मैंने काम छोड़ दिया है
Somya: नही अब और नही, हम इस अन्याय को बंद करेंगे. ये बच्चें ही देश का भविष्य है। 
Sambhav: नही छोटू,  अब तू मत करना मजदूरी, 
तेरे लिए है शिक्षा जरुरी
Yuvraj : झुक झुक कर सीधा खड़ा हुआ,
           अब फिर झुकने का शौक नही
          अपने ही हाथों से रचूंगा खुदको,
           तुमसे मिटने का खौफ नही
            पढूँगा मै लिखूंगा मै
         जब तक मंजिल मिल न जाए, 
          आगे बढ़ता रहूँगा मै।

(गोल चककर लगाकर वापिस जाते वक़्त)
Sambhav सुनो सुनो भई सुनो सुनो 
All :सुनो सुनो भई सुनो सुनो 
Sambhav:  हम तुम्हें सिखाने आए है
All :हम तुम्हें बताने आए है
 Sambhav: दबे हुए अरमानो में, 
 All : हम पँख लगाने आएं है।



Nukkad Natak 2025

नुक्कड़ नाटक विषय : Prevalence of child labour and importance of education Theme : बच्चें पढ़ेंगे, आगे बढ़ेंगे All : सुनो-सुनो भई सुनो-सुनो   ...