Monday, 4 November 2024

वह जन्मभूमि मेरी


वह जन्मभूमि मेरी
कवि - सोहनलाल द्विवेदी 

पद्यांशों के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए – 

1. ऊँचा खड़ा हिमालय, आकाश चूमता है,  _ _ _ _ _ _ _ _ वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।। 

प्रश्न – 1 उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से ली गई हैं?  उसके रचयिता कौन हैं?  कवि ने भारत की उत्तर तथा दक्षिण दिशाओं की किस-किस विशेषता का वर्णन किया है?

उत्तर – उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘वह जन्मभूमि मेरी’ नामक कविता से ली गईं हैं। इसके रचयिता ‘सोहनलाल द्विवेदी’ जी हैं। कवि ने भारत के उत्तर में स्थित हिमालय का वर्णन किया है,  जिसकी ऊँचाई मानो आकाश को छू रही हो और भारत के दक्षिण में स्थित हिंद महासागर का वर्णन किया है जिसको देखकर ऐसा लगता है मानो वह भारत के पैरों के नीचे निरंतर झूमता रहता है। 

प्रश्न – 2 कवि ने ‘त्रिवेणी’ शब्द का प्रयोग किस लिए किया है? त्रिवेणी कहाँ है तथा वहाँ  कौन-कौन-सी नदियाँ आकर मिलती हैं? 

उत्तर – उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जिस स्थान पर गंगा,  यमुना और सरस्वती – इन तीनों नदियों का संगम होता हैं,  उसे ‘त्रिवेणी’ कहा जाता है। 

प्रश्न – 3 कवि ने भारत को ‘पुण्यभूमि’ और ‘स्वर्णभूमि’ के विशेषणों से क्यों संबोधित किया है?  

उत्तर – कवि ने भारत को पुण्यभूमि इसलिए कहा है क्योंकि वे भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और उसकी महानता से अत्यंत प्रभावित हैं। उनके अनुसार भारत के उत्तर में फैले हिमालय पर्वत की ऊँचाई, भारत के पैरों में झूमता हिंद महासागर और गंगा,  यमुना और सरस्वती जैसी नदियाँ इसे महान बनाते हैं। कवि ने भारत को स्वर्णभूमि इसलिए कहा है क्योंकि जहां की भूमि में मिट्टी अत्यंत उर्वरा है, यहाँ खूब फसलें होती हैं जो माता पिता के समान हमारा पालन-पोषण करती है। 

प्रश्न – 4 कवि ‘हिमालय’ और ‘सिंधु’ के संबंध में क्या कल्पना करता है? 

उत्तर – कवि ने हिमालय और सिंधु के संबंध में कल्पना की है कि हिमालय को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह  आकाश को छू रहा हो। भारत के दक्षिण में स्थित सिंधु अर्थात हिंद महासागर को देखकर ऐसा लगता है की वह भारत के पैरों के नीचे निरंतर झूमता रहता हो। 

2. झरने अनेक झरते, जिसकी पहाड़ियों में, _ _ _ _ _ _ _ _ वह जन्मभूमि मेरी,  वह मातृभूमि मेरी।। 

प्रश्न – 1 उपर्युक्त पंक्तियों के आधार पर भारत-भूमि के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन कीजिए। 

उत्तर – भारत भूमि के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए कवि कहते हैं कि भारतवर्ष की पहाड़ियों से अनेक झरने निकलते हैं और यहाँ की झाड़ियों में चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई पड़ती है। यहाँ पर जगह-जगह आम के बाग है,  जिसमें सुबह-सुबह कोयल की मधुर आवाज़ सुनाई पड़ती है और मलयाचल पर्वत से आती हुई शीतल मंद और सुगंधित हवा सभी को प्रसन्नता से भर देती है। 

प्रश्न – 2 भारत – भूमि  की पहाड़ियों,  अमराइयों और पवन की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? 

उत्तर – भारत की पहाड़ियों की विशेषता यह है कि उनमें से अनेक झरने निकलते हैं। अमराइयों की विशेषता यह है कि वसंत ऋतु में उसमें से कोयल की कूक सुनाई पड़ती है और मलयाचल पर्वत से आती हुई शीतल मंद और सुगंधित पवन सभी को प्रसन्नता से भर देती है। 

प्रश्न – 3 कवि ने भारत-भूमि को ‘धर्मभूमि’ और ‘कर्मभूमि’ कहकर क्यों संबोधित किया है? 

उत्तर – कवि ने भारत भूमि को धर्म भूमि इसलिए कहा है क्योंकि यहाँ धर्म का बोलबाला है अर्थात यहाँ  के निवासी धर्म में आस्था रखते हैं और कभी ने भारत भूमि को कर्मभूमि इसलिए कहा है क्योंकि यह हमें कर्म करने की प्रेरणा देती है। दक्षिण भारत के पहाड़ों से आने वाली हवा सभी को उल्लासित करती है। 

प्रश्न – 4 उपर्युक्त पंक्तियों का प्रतिपाद्य लिखिए। 

उत्तर – उपर्युक्त पंक्तियों का प्रतिपाद्य यह है कि हमारी भारत भूमि की अनेक प्राकृतिक विशेषताएं हैं। जहाँ पर पहाड़ियों से झरने निकलते हैं, झाड़ियों से चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई पड़ती है और जगह जगह पर आम के बाग हैं जिनमें से वसंत ऋतु में कोयल की कूक सुनाई पड़ती है। भारत भूमि में धर्म का बोलबाला है इसलिए इसे धर्मभूमि कहा गया है अतः यह भूमि हमें कर्म करने की प्रेरणा देती है इसलिए इसे कर्मभूमि भी कहा गया है। 

3. जन्मे जहाँ थे रघुपति,  जन्मी जहाँ थी सीता, _ _ _ _ _ _ _ _ वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।। 

प्रश्न – 1 ‘गीता का उपदेश किसने, किसे, कब और कहाँ दिया था? इस उपदेश का क्या प्रभाव पड़ा? 

उत्तर – गीता का उपदेश श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध के समय कुरुक्षेत्र में दिया। श्री कृष्ण ने उपदेश देकर अर्जुन को युद्ध के लिए प्रवृत्त किया था। श्री कृष्ण रणभूमि में अर्जुन को जीवन की वास्तविकता और मनुष्य धर्म से जुड़े कुछ ऐसे उपदेश दिए जिससे उनका मानसिक द्वंद समाप्त हो गया। 

प्रश्न – 2 ‘जग को दया दिखाई, जग को दिया दिखाया।’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि किसने जन्म लेकर भारत का सुयश किस प्रकार बढ़ाया? 

उत्तर – उपर्युक्त पंक्ति के माध्यम से कवि कह रहे हैं कि भारत की पवित्र भूमि पर ही गौतम बुध का जन्म हुआ था जिन्होंने अपने देश का सुयश दूर-दूर तक फैलाया।  गौतम बुद्ध ने अहिंसा का संदेश दिया, दया  का मार्ग दिखाया और ज्ञान का दीपक दिखाकर सभी को सही मार्ग दिखाया जो भारत में नहीं अन्य देशों में भी फैल गया। 

प्रश्न – 3 कवि ने भारत-भूमि को ‘युद्धभूमि’ और ‘बुद्धभूमि’ कहकर संबोधित क्यों किया है? 

उत्तर – कवि ने भारत-भूमि को युद्धभूमि इसलिए कहा है क्योंकि यहाँ बहुत से महायुद्ध हुए जिसमे इस भूमि के वीरों ने अपने सम्मान और भूमि की रक्षा की।  कवि ने भारत-भूमि को बुद्ध को में कहकर भी संबोधित किया है क्योंकि इस भूमि पर गौतम बुद्ध ने जन्म लिया और समस्त संसार को दया और अहिंसा का संदेश दिया। 

प्रश्न – 4 उपर्युक्त पंक्तियों द्वारा कवि ने क्या संदेश दिया हैं? 

उत्तर – उपर्युक्त पंक्तियों द्वारा कवि ने मातृभूमि के प्रति सम्मान जगाते हुए और भारत-भूमि की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि हमें इस भारत-भूमि पर जन्मे श्री राम और सीता के गुणों को अपनाकर अपने आचरण में बदलाव करना चाहिए एवं कवि  ने श्री कृष्ण के उपदेश के माध्यम से जीवन की वास्तविकता और मनुष्य धर्म से जुड़ने का संदेश दिया है। अंत में कवि ने गौतम बुध के माध्यम से अहिंसा और दया के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। 

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