सूर के पद
कवि - सूरदास
प्रस्तुत पद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
1. जसोदा हरि पालने ••••••••••••••••••••••••• सो नंद भामिनी पावै ।
प्रश्न – 1 यशोदा बालकृष्ण को सुलाने के लिए क्या-क्या करती हैं?
उत्तर – यशोदा बालकृष्ण को सुलाने के लिए उन्हें पालने में झुला रही हैं। वे श्रीकृष्ण को दुलारतीं हैं, पुचकारतीं हैं, मधुर स्वर में गाना (लोरी) गाती हैं। वह निंद्रा को भी बुलाती है ताकि भगवान कृष्ण को नींद आ जाए और वह सो जाएँ।
प्रश्न – 2 बालकृष्ण पालने में झूलते समय क्या-क्या चेष्टाएँ कर रहे हैं?
उत्तर – जब यशोदा श्री कृष्ण को पालने में झुलाती तथा सुलाती हैं, तब श्री कृष्ण कभी तो अपनी पलकें मूंद लेते हैं तथा कभी वे अपने होठों को हिलाने लगते हैं। यह देखकर ऐसा लगता है जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण को नींद नहीं आ रही है और इसी कारण यशोदा पुनः गाना गाने लगती है।
प्रश्न – 3 ‘जो सुख ‘सूर’ अमर मुनि दुरलभ, सो नंद भामिनी पावै’ – कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर – उपर्युक्त पंक्ति में हिंदी साहित्य के वात्सल्य रस सम्राट महाकवि सूरदास जी कहते हैं कि सुख देवताओं और मुनियों के लिए भी दुर्लभ है, वह नंद की स्त्री यशोदा को प्राप्त है। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कृष्ण को पालने में सुलाने का प्रयत्न करना तथा उनकी चेष्टाओं का अवलोकन करना केवल यशोदा के भाग्य में ही है।
प्रश्न – 4 यशोदा द्वारा कृष्ण को पालने में झुलाने का दृश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – प्रस्तुत पद्यांश में यशोदा द्वारा कृष्ण को पालने में झुलाने का दृश्य बहुत ही सुंदर है, जिसमे यशोदा माँ की ममता और उनके बालकृष्ण को पालने में झुलाने के सौभाग्य का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है । वे कृष्ण को दुलार करतीं हैं, पुचकारतीं हैं और कुछ-कुछ गाने भी गाती हैं और जब उनको लगता है की वे सो गए हैं तो संकेतों के माध्यम से सबको चुप रहने का संकेत करती है कि कहीं सोते हुए कृष्ण जगना जाएँ। कवि के अनुसार जो सौभाग्य नंद की स्त्री यशोदा को प्राप्त है वह देवताओं और मुनियों के लिए भी दुर्लभ है।
2. खीजत जात माखन खात ••••••••••••••••••••••••• निमिख तजत न मात।
प्रश्न – 1 माखन खाते समय बालकृष्ण की चेष्टाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – माखन खाते समय बालकृष्ण मचल रहे हैं और थोड़े चिड़चिड़ा रहे हैं। उनकी आँखे लाल है, अतः उन्हें नींद आ रही है। उपर्युक्त पद में भगवान श्रीकृष्ण अपने घुटनों पर चल रहे हैं, जिसके कारण उनके पैर के घुंघरू बजने लगे हैं। वे धूल में सने हुए हैं, कभी माँ यशोदा के बाल खींचते हैं, कभी तोतली आवाज़ में कुछ बोलने लगते हैं तो कभी नंद बाबा को ‘तात’ कहकर पुकारने की चेष्टा करते हैं।
प्रश्न – 2 बालकृष्ण के सौंदर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर – महाकवि सूरदास द्वारा रचित उपर्युक्त पद में वे बालकृष्ण के सौंदर्य का सुंदर वर्णन करते हुए कहते हैं कि श्री कृष्ण के नेत्र बहुत ही प्यारे हैं और जब वे टेढ़ी भौहें करके देखते हैं तो और सुंदर दिखते हैं। उनके पैरों में घुँघरू बहुत प्यारे लग रहें हैं और धूल में सना हुआ उनका शरीर उनकी सुंदरता और बढ़ा रहा है।
प्रश्न – 3 ‘सूर वात्सल्य रस के सम्राट थे’ – उपर्युक्त पद के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – सूर वात्सल्य रस के सम्राट थे क्योंकि जिस प्रकार उन्होंने श्री कृष्ण के बालपन का सुंदर वर्णन अपनी कविता में किया है, उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो कि वास्तव में ही वे श्रीकृष्ण और उनके विभिन्न घटनाक्रम के साक्षी बने हैं। अतः इसलिए सूरदास को वात्सल्य - रस का सम्राट कहा गया है
प्रश्न – 4 शब्दार्थ लिखिए – खीजत, अरुण लोचन, जम्हात, अलक, निमिख, तुतरे।
उत्तर – खीजत – झुँझलाना, अरुण लोचन – लाल आँखे, अलक – बाल, निमिख – एक बार पलक झपक ने में लगने वाला समय, तुतरे – तोतले
3 मैया मेरी चंद्र खिलौना लैहों ••••••••••••••••••••••••• नूतन मंगल गैहौं।
प्रश्न – 1 बालकृष्ण क्या लेने की ज़िद कर रहें हैं? माँ यशोदा उनकी ज़िद पूरी करने में क्यों असमर्थ है?
उत्तर – बालकृष्ण चंद्र रूपी खिलौने को लेने की जिद कर रहें हैं। माँ यशोदा उनकी जिद पूरी करने में असमर्थ है क्योंकि बालकृष्ण चंद्रमा से खेलना चाहते हैं और बालकृष्ण की इस जीत को पूरा करना माई सदा के लिए असंभव है।
प्रश्न – 2 अपनी ज़िद को पूरी करवाने के लिए बालकृष्ण माँ से क्या – क्या कह रहे हैं।
उत्तर – अपनी ज़िद को पूरी करवाने के लिए बालकृष्ण माँ को धमकी देते हुए कहते हैं कि यदि यशोदा उनकी जिद को पूरी नहीं करेंगी तो वह न तो सफ़ेद गाय का दूध पीयेंगे, न बालों की चोटी गुँथवाएँगे, न मोतियों की माला पहनेंगे और तो और ज़मीन पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा और नंद का पुत्र न कहलाने की धमकी देते हैं।
प्रश्न – 3 माँ यशोदा ने बालकृष्ण को बहकाने के लिए क्या प्रयास किया? उस पर बालकृष्ण की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर – माँ यशोदा बालकृष्ण की धमकियों को सुनकर बालकृष्ण को बहकाते हुए उनके कान में कहती हैं कि वे चंद्रमा से भी सुंदर नई नवेली दुल्हन के साथ उनका विवाह करवाएंगी। माँ की बात को सुनकर कृष्ण माँ की सौगंध खाते हुए बोलते हैं कि हे माँ, मैं अभी विवाह करना चाहता हूँ।
प्रश्न – 4 सूरदास के बाल-वर्णन की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर – सूरदास जी कृष्ण काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि थे। उन्होंने कृष्ण की बाल क्रीड़ाओ और मातृभावना को बहुत ही सुंदर, मनोहर और प्रभावशाली वर्णन किया है। महाकवि सूरदास बाल मनोविज्ञान के महान पंडित थे। बाल मनोविज्ञान के अद्भुत ज्ञान ने वात्सल्य रस के वर्णन में उनकी बहुत सहायता की है। वास्तव में वात्सल्य रस का इतना सजीव ,सरस एवं स्वाभाविक वर्णन हिंदी में कोई कवि नहीं कर सका है।