Tuesday, 30 April 2024

काकी

काकी
लेखक - सियारामशरण गुप्त 

1. "वर्षा के अनंतर एक-दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है परंतु भीतर ही भीतर उसकी आदत आदत जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है वैसी ही उसके अंतस्तल में वह शोक जाकर बस गया था।"

प्रश्न - 1 'उसके' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है? उसकी मनोदशा पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- 'उसके' शब्द का प्रयोग श्यामू के लिए किया गया है। जिस प्रकार वर्षा के बाद वर्षा का पानी धरती के ऊपर से एक-दो दिन में सूख जाता है परंतु उसकी नमी अंदर कई दिन तक बनी रहती है। उसी प्रकार काकी की मृत्यु के बाद श्यामू बाहर से तो शांत रहने लगा था परंतु उसके अंतस्थल में वह शोक जाकर बस गया था। वह उदास रहने लगा था और काकी को याद करके अकेला बैठा- बैठा शून्य मन से आकाश की ओर देखता रहता था।।

प्रश्न - 2 'असत्य के आवरण मे सत्य बहुत दिन तक छिपा ना रह सका'- श्यामू को किस सत्य का, कैसे पता चला ? इससे उस पर क्या प्रभाव पड़ा ? 

उत्तर - श्यामू को उसकी माँ के सत्य के बारे में सच पता चला कि उसकी माँ मामा जी के पास नहीं राम जी के पास गई है। यह बात उसे अपने पड़ोस में रहने वाले दोस्तों द्वारा पता चली और वह कभी वापस नहीं आएगी तो वह बहुत उदास रहने लगा। वह अपनी माँ को याद कर के कोने में चुपचाप बैठ कर अंदर ही अंदर बहुत दुखी होता था।

प्रश्न - 3 ‘काकी’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। 

उत्तर - इस कहानी में अत्यंत मार्मिक ढंग से एक अबोध तथा मासूम बालक की मातृ-वियोग की पीड़ा को व्यक्त किया गया है। कहानीकार ने यह चित्रित किया है कि बालकों का हृदय अत्यंत कोमल, भावुक तथा संवेदनशील होता है ।बच्चे मातृ वियोग का पीड़ा सहन नहीं कर पाते।

प्रश्न - 4 'काकी ' शीर्षक कहानी से बालकों के किस स्वभाव का पता चलता है ?

उत्तर - "काकी "शीर्षक कहानी से बालकों के कोमल मन, भावुकता और उनकी संवेदनशीलता के बारे में पता चलता है। वे अपने मातृ वियोग की पीड़ा को सहन नहीं कर पाते ,इस कहानी में श्यामू अपनी मांँ को याद करके दुखी हो रहा है और उन्हें बुलाने के लिए पतंग का सहारा लेना उत्तम समझता है अतः इससे हमें स्पष्ट पता चलता है कि बच्चों का मन बहुत ही कोमल और पवित्र होता है।

2-"एक दिन उसने ऊपर एक पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।"

प्रश्न – 1 ‘उसने’- से किस की ओर संकेत किया गया है? वह उदास क्यों रहा करता था?

उत्तर - "उसने" से श्यामू की ओर संकेत किया गया है। वह उदास इसलिए रहा करता था क्योंकि उसकी माँ राम जी के पास चली गई थी। अर्थात् वह कभी नहीं लौटेगी । अपनी माँ को याद में वह अक्सर घर के कोने में बैठकर आकाश की ओर देखा करता था।

प्रश्न - 2 उड़ती हुई पतंग को देखकर उसका ह्रदय क्या सोचकर खिल उठा? 

उत्तर - जब श्यामू ने एक दिन पतंग को आसमान में उड़ते हुए देखा तो वह मन ही मन बहुत खुश हो गया। उसके दिल में यह ख्याल आया कि वह पतंग के द्वारा अपनी काकी को नीचे जरूर ला पाएगा। यह सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।

प्रश्न – 3 पतंग मँगवाने के लिए उसने किन से प्रार्थना की ? उसकी बात सुनकर उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर - पतंग मँगवाने के लिए श्यामू ने अपने पिता विश्वेश्वर से प्रार्थना की। पत्नी की मृत्यु के बाद विश्वेश्वर ( श्यामू के पिता) उदास रहा करते थे। जब श्यामू ने अपने पिता विश्वेश्वर से पतंग मँगवाने की प्रार्थना की तो वे उदास भाव में बोले कि अच्छा मँगा दूँगा और कह कर चले गए। किंतु उसको पतंग नहीं मँगवा कर दी।

प्रश्न – 4 पतंग प्राप्त करने के लिए उसने किस उपाय का सहारा लिया और पतंग मंगवाने के लिए किस की सहायता ली? इसका क्या परिणाम निकला?

उत्तर - पतंग प्राप्त करने के लिए श्यामू अपने पिता के कोट से चवन्नी चुरा ली और पतंग को मँगवाने के लिए उसने अपने मित्र भोला (सुखिया दासी के पुत्र)की सहायता ली। जब उसके पिता विश्वेश्वर को यह बात पता चली कि श्यामू ने उनकी जेब से चवन्नी चुराई है तब वह क्रोधित हुए और श्यामू को तमाचा मार दिया।

3-"देखो, खूब अकेले में जाना ,कोई जान ना पाए।"

प्रश्न – 1 वक्ता और श्रोता कौन कौन है ? दोनों का परिचय दीजिए।

उत्तर - इस वाक्य में वक्ता श्यामू है और श्रोता सुखिया दासी का बेटा भोला है ।श्यामू अपने पिता विश्वेश्वर का बेटा है । वह सीधा सा कोमल दिल वाला बालक है। भोला सुखिया दासी का बेटा और श्यामू का समवयस्क साथी भी है।

प्रश्न – 2 वक्ता ने श्वेता को अकेले में जाने के लिए क्यों कहा? उसे किस बात का भय था ?

उत्तर - श्यामू ने पतंग के पैसे अपने पिता की जेब से चुराए थे। इसलिए वह चाहता है कि उसका मित्र बिना किसी को दिखे अति शीघ्र पतंग लेकर आ जाए। किसी को यदि यह बात पता चलती है तो हो सकता है उसके काम में रुकावट आ जाए।

प्रश्न – 3 वक्ता ने उससे क्या मँगवाया ?उस वस्तु को लाने के लिए उसने उसे कितने पैसे दिए? वे पैसे उसने कहां से प्राप्त किए थे और क्यों?

उत्तर - श्यामू ने भोला से एक पतंग और डोर को मंँगवाया ।पतंग को मंँगवाने के लिए श्यामू अपने पिता विश्वेश्वर की जेब से पैसे चुराए और भोला को दे दिए । ताकि वह पतंग के द्वारा अपनी काकी को नीचे ला सके।

प्रश्न – 4 वक्ता उस वस्तु का प्रयोग किस लिए करना चाहता था? वह उसका प्रयोग क्यों नहीं कर पाया?

उत्तर - वक्ता श्यामू पतंग का प्रयोग करके काकी को उस पर बैठा कर नीचे लाना चाहता था ।जब श्यामू के पिता विश्वेश्वर को यह बात पता चली कि उसकी जेब से पैसे गायब हुए हैं तो वह बहुत क्रोधित हो गए । उन्होंने दोनों से पूछा कि चोरी किसने की है, यह सुनकर भोला ने डरकर सारी बात विश्वेश्वर को बता दी ।विश्वेश्वर क्रोधित हुए और श्यामू को डांँटते हुए पतंग फाड़ दी। जिस कारण श्यामू काकी को नीचे लाने के लिए पतंग का प्रयोग नहीं कर पाया।

4-'अकस्मात शुभ कार्य में विघ्न की तरह उग्र रूप धारण किए हुए विश्वेश्वर वहाँ आ पहुंँचे।"

प्रश्न - 1 'शुभ कार्य' और 'विघ्न' शब्दों का प्रयोग किस-किस संदर्भ में किया गया है?

उत्तर - श्यामू पतंग में डोरी बाँध रहा था और वह इसका प्रयोग अपनी माँ को नीचे लाने में करने वाला था। उसके लिए शुभ कार्य था परंतु शुभ कार्य में विघ्न की तरह उसके पिता वहाँ पहुँचे और उसे डाँटने लगे यही इस संदर्भ में दर्शित किया गया है।

प्रश्न - 2 विश्वेश्वर कौन है ? उनकी उग्रता का क्या कारण था ?

उत्तर - विश्वेश्वर श्यामू के पिता है ।जब उन्हें पता चला कि उनकी जेब से पैसे गायब हो गई है ,तो वह बहुत क्रोधित हुए ।सच जानने के लिए वे उन दोनों से पूछने लगे कि पैसे किसने चुराए हैं तो भोला ने डरकर सारी पोल खोल दी और सच विश्वेश्वर के सामने आ गया ।श्यामू को तमाचा जड़ दिया और कहा 'चोरी करोगे तो जेल जाओगे' यही कहकर पतंग भी फाड़ दी।उनकी उग्रता का यही कारण था।

प्रश्न - 3 वहाँ कौन-कौन थे और वे क्या कर रहे थे ?

उत्तर - कोठरी में श्यामू और भोला थे। वे दोनों पतंग में रस्सी बाँध रहे थे और उस पर काकी का नाम लिख रहे थे ताकि उस पतंग के सहारे नीचे आ जाए।

प्रश्न - 4 विश्वेश्वर ने धमकाकर किससे क्या पूछा और उन्हें असलियत का पता कैसे चला ? उन्होंने अपराधी को क्या दंड दिया ?

उत्तर - जब विश्वेश्वर को पता चला कि उनकी कोट की जेब से पैसे गायब हुए हैं तो वह क्रोधित हो गए और उन्होंने श्यामू और भोला को धमकाया कि किसने मेरी कोट की जेब से पैसे चुराए हैं। यह सुनकर भोला डर गया और सारी बात बता दी ।भोला ने कहा कि चोरी श्यामू ने की है , उसी ने मुझे पतंग लाने के लिए कहा था ।‌ विश्वेश्वर श्यामू पर बहुत क्रोधित हुए उसे तमाचा जड़ दिया। पतंग को भी नष्ट कर दिया।

5-"भोला सकपकाकर एक ही डाँट में मुखबिर हो गया।"

 प्रश्न - 1 भोला कौन था ? वह क्यों सकपका गया ? मुखबिर' शब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर - भोला सुखिया दासी का बेटा था ।वह श्यामू का समव्यस्क मित्र था ।जब उग्र रूप धारण किए विश्वेश्वर उस कोठरी में पहुँचे और धमकाकर भोला और श्यामू से चोरी का कारण पूछने लगे तो भोला ने डरकर श्यामू की सारी बात को कह दिया । मुखबिर का अर्थ है-" पोल खोल देना।"

प्रश्न - 2 डाँटने वाले का परिचय दीजिए ? उसके डाँटने का क्या कारण था ?

उत्तर - डाँटने वाले का नाम विश्वेश्वर था जो कि श्यामू के पिता थे, जब विश्वेश्वर को पता चला कि उनके बेटे ने उनकी जेब से पैसे चुराए हैं तो वह बहुत गुस्सा हुए ।और गुस्से में श्यामू को तमाचा जड़ दिया।

प्रश्न - 3 भोला ने डाँटने वाले को क्या बताया? भोला की बात सुनकर डाँटने वाले ने किसे क्या दंड दिया ?

उत्तर - उग्र रूप धारण किए विश्वेश्वर जब भोला और श्यामू को धमकाकर पूछने लगे कि तुमने मेरी जेब से पैसे चुराए थे। तब यह बात सुनकर भोला घबरा गया और उसने सारी बात बता दी। उसने बताया कि पैसे श्यामू ने चुराए थे। श्यामू ने मुझसे पतंग लाने के लिए कहा था। यह सुनकर विश्वेश्वर और भी क्रोधित हो गए ।श्यामू को डांँटा और तमाचा जड़ते हुए कहने लगे कि 'चोरी सीखो गे तो जेल जाओगे 'यह कहकर में पतंग को भी फाड़ दिया।

प्रश्न - 4 भोला की बात सुनकर डाँटने वाले की क्या मनोदशा हुई ?

उत्तर - भोला ने जब विश्वेश्वर को बताया कि श्यामू ने पतंग अपनी काकी को नीचे लाने के लिए खरीदी थी, तब उन्हें बहुत ही दुख हुआ ।यह सुनकर हत बुद्धि हो गए थे । पतंग पर काकी का नाम लिखा देखा तो उन्हें बहुत पश्चाताप हुआ।उन्हें एहसास हुआ कि वे व्यर्थ में ही अपने बच्चे को डाँट रहे थे।





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