जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है, उसे कर्मकारक कहते हैं। कर्मकारक में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।
पिता:
मैं दुकान जा रहा हूँ। सब क्या-क्या चाहते हैं?
पुत्र:
मैं किताब, नोटबुक और रंगीन पेन चाहता हूँ।
माता:
मैं कुछ भी नहीं चाहती।
पिता:
ठीक है। मैं जाता हूँ।
(पिता दुकान जाता है।)
पिता:
महोदय, मैं एक नोटबुक, रंगीन पेन और किताब चाहता हूँ।
दुकानदार:
हाँ, मैं देता हूँ। यह नोटबुक है। यह रंगीन पेन है। यह किताब है।
(पिता सामान लेता है। वह घर लौटता है।)
पिता:
पुत्र, ये तुम्हारे सामान हैं।
पुत्र:
धन्यवाद।
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