गुजरात के दर्शनीय स्थान
अहमदाबाद का प्रसिद्ध साबरमती आश्रम स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र था। गांधीजी ने यहीं से दांडी यात्रा की शुरुआत की थी। लोथल नामक नगर में सिन्धु सभ्यता के अवशेष संरक्षित हैं। सोमनाथ मंदिर और द्वारिका मंदिर गुजरात के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित हैं। पास ही कच्छ का रेगिस्तान लोगों को आकर्षित करता है। लोग अम्बाजी मंदिर में भक्ति भाव से पूजा करने आते हैं।
एशिया का एकमात्र शेरों का अभयारण्य जूनागढ़ का गीर क्षेत्र है। गुजरात का सापुतारा नामक प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल लोगों को आनंदित करता है। गुजरात में अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थान भी हैं, जैसे साबरमती रिवरफ्रंट, अक्षरधाम स्वामीनारायण मंदिर, अडालज की बावड़ी, रानी की बावड़ी, नागेश्वर, और मोढेरा सूर्य मंदिर आदि।
गुजरात का भोजन
गुजराती लोग शाकाहारी होते हैं। उनके भोजन में चीनी, सूप, रोटी, भाखरी, दाल, छाछ और चटनी शामिल होती है। यहाँ चने से बने खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं, जैसे खमण, ढोकला, फाफड़ा, थेपला आदि।
गुजरात के उत्सव
नवरात्रि एक रंगारंग उत्सव है। इस उत्सव में जगदम्बिका की आराधना और रात में गरबा नृत्य होता है।
भाद्रपद मास में तरणेतर गाँव में तरणेतर मेला आयोजित होता है, जहाँ विभिन्न स्थानों से लोग आकर 'हुडो' नामक नृत्य करके आनंद लेते हैं।
मकर संक्रांति (उत्तरायण) भी गुजरात का एक प्रसिद्ध उत्सव है। इस उत्सव में आकाश में रंग-बिरंगी पतंगें दिखाई देती हैं। अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव में विदेशी लोग भी आकर अपनी पतंगों का प्रदर्शन करते हैं। लोग तिल-गुड़ के लड्डू और कुंडलिया भी खाते हैं।
गुजरात में संस्कृत
गुजरात में संस्कृत का महत्व भी बहुत अधिक है। स्कूलों और कॉलेजों में छात्र उत्साहपूर्वक संस्कृत पढ़ते हैं। इसके अलावा, संस्कृत भारती, संस्कृत साहित्य परिषद, संस्कृत साहित्य अकादमी, एकलव्य संस्कृत अकादमी आदि कई संस्थाएँ संस्कृत भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई-लिखाई की उचित व्यवस्था है। संस्कृत विकिपीडिया परियोजना का एक केंद्र अहमदाबाद शहर में कार्यरत है।
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